आपका बटुआ- गिरे पेटीएम के शेयर, क्या आपने लगाए पैसे:एक सफल निवेशक बनने के लिए रखें इन 5 बातों का ध्यान

आपका बटुआ- गिरे पेटीएम के शेयर, क्या आपने लगाए पैसेएक सफल निवेशक बनने के लिए रखें इन 5 बातों का ध्यान

ऑनलाइन लेन-देन करने वाली कंपनी पेटीएम के पेमेंट बैंक पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया( RBI) ने पाबंदी लगा दी है।

आरबीआई के अनुसार पेटीएम की कई सेवाएं 29 फरवरी के बाद बंद हो जाएंगी। आरबीआई के मुताबिक यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि पेटीएम ने नियमों का उल्लंघन किया है।

आरबीआई की इस घोषणा के बाद पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट आई। शेयर मार्केट में बृहस्पतिवार को ट्रेडिंग शुरू होने से पहले ही पेटीएम के शेयर 20% तक गिर गए।

शुक्रवार को भी पेटीएम के शेयरों में 20% की गिरावट आई। इसी के साथ पेटीएम के शेयर के दाम गिरकर 487.2 रुपए तक आ गए।

आज आपका बटुआ में हम पर्सनल फाइनेंस से जुड़े इन सवालों पर बात करेंगे-

  1. अगर पेटीएम की तरह किसी भी कंपनी के शेयरों में उतार-चढ़ाव होता है तो बतौर निवेशक आपको क्या करना चाहिए।
  2. आपको अपना निवेश पोर्टफोलियो किस तरह का बनाना चाहिए।
  3. शेयर मार्केट गिरने पर आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

कितने लोगों के पास पेटीएम के शेयर, कितने हुए प्रभावित

पेटीएम के 33 करोड़ डिजिटल वॉलेट अकाउंट्स हैं, जिसमें से ज्यादातर यूजर्स भारत के हैं, जो अपने फंड ट्रांसफर और बिल पेमेंट के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई के आदेश का असर बड़े तबके पर पड़ सकता है क्योंकि पेटीएम के पास भारत के डिजिटल पेमेंट मार्केट का करीब 17 फीसदी हिस्सा है। इससे करोड़ों लोग प्रभावित हो सकते हैं।

कंपनी के लाखों शेयरहोल्डर्स पर पड़ेगा असर

स्टॉक एक्सचेंज, 2021 के आंकड़े के मुताबिक पेटीएम के 125 करोड़ से ज्यादा शेयर्स हैं। इसमें से करीब 7.83 करोड़ शेयर्स रिटेल शेयरहोल्डर्स के पास हैं।

इस गिरावट का असर कंपनी के लाखों शेयर होल्डर्स पर पड़ेगा।

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो ऐसी स्थितियों के लिए तैयार रहना जरूरी है। ऐसी खबरें अकसर आती रहती हैं, जब किसी कंपनी का शेयर एकदम से आसमान छूने लगता है या एकदम से लुढ़ककर जमीन पर आ जाता है।

एक अच्छा निवेशक वह है, जो इन हालातों के लिए हमेशा तैयार रहे और निवेश करते हुए इस तरह के जोखिम को हमेशा ध्यान में रखे।

बेहतर कारोबार करने वाली कंपनियों को पहचानना

अमेरिकी कारोबारी और निवेशक चक अकरे कहते हैं कि जो लोग निवेश को लेकर खास रणनीति अपनाते हैं, उन्हें ही कामयाबी मिलती है।

इस खास रणनीति से हमारा आशय है, बाजार के रुझानों का पूर्वानुमान लगाना। लेकिन सिर्फ इसी के आसरे न बैठे रहना। उन कंपनियों की पहचान करना, जिनकी ग्रोथ का ग्राफ लगातार ऊपर की तरफ बढ़ रहा है।

इंडेक्सिंग खुदरा निवेशकों के लिए बेहतर रणनीति

चक अकरे बताते हैं कि इंडेक्स फंड रखना खुदरा निवेशकों के लिए एक अच्छी रणनीति है, जो कई तरह के फायदे देती है।

इंडेक्स फंड वो होते हैं, जो शेयर बाजार के किसी इंडेक्स यानी निफ्टी-50 या सेंसेक्स-30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश किए जाते हैं। इंडेक्सिंग ने लॉन्ग टर्म में इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी के रूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।

लॉन्ग टर्म में कंपाउंडिंग मशीन की ताकत काे जानना

चक अकरे ने ‘कंपाउंडिंग मशीन’ का एक सिद्धांत दिया है। इसके मुताबिक, एक निवेशक को ऐसे निवेश की पहचान करनी चाहिए, जिसका लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देने का रिकॉर्ड रहा हो। ऐसी कंपनियों में निवेश करने वाले शेयरहोल्डर्स की पूंजी प्रभावी ढंग से बढ़ सकती है।

मल्टी एसेट्स फंड में निवेश से पोर्टफोलियाे मजबूत करना

किसी भी निवेशक को लॉन्ग टर्म में ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए, जो ऑटोमेटिक रूट से जोखिम मैनेज करे। आपका यह निवेश मल्टी-एसेट्स फंड में होना चाहिए।

यानी आपको इक्विटी, डेब्ट फंड और सोने जैसे सुरक्षित निवेश करने चाहिए। इससे आपका पोर्टफोलियो मजबूत बनता है और आपके निवेश को जोखिम से भी बचाता है।

पूरी कमाई दांव पर लगाने के बजाय इमरजेंसी फंड बनाना

दुनिया के अरबपति कारोबारी निवेशक वॉरेन बफेट ने भी एक बार कहा था कि किसी भी निवेशक को उतना ही जोखिम लेना चाहिए, जितना वह आसानी से उठा सके।

चक अकरे भी कहते हैं कि अपनी कमाई का 20 फीसदी हिस्सा हमेशा इमरजेंसी फंड के रूप में बचाकर रखना चाहिए और ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहिए, जो आपको तय और गारंटीड रिटर्न दे सके।

मार्केट के उतार-चढ़ाव के आधार पर नहीं लें निवेश का फैसला

सफल निवेशक के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह लॉन्ग टर्म रिटर्न को प्राथमिकता दे। फाइनेंशियल एक्सपर्ट गुंजन शर्मा बताती हैं कि बाजार में कम समय के लिए आए उतार-चढ़ाव के आधार पर निवेश करने या न करने का फैसला नहीं लेना चाहिए।

जिस कंपनी में निवेश करने जा रहे हैं, उसमें लॉन्ग टर्म निवेश के बारे में सोचें। अटकलों, भावनाओं और खबरों के आधार पर निवेश के पीछे नहीं भागें

शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव अक्सर भावनाओं, अटकलों और खबरों की वजह से होते हैं। ये सटीक रूप से बेहतर रिटर्न की संभावनाओं के बारे में नहीं बता सकते हैं।

अगर इनके आधार पर निवेशक ने निवेश करने या नहीं करने का इंपल्सिव डिसीजन लिया तो इससे उसका लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स खतरे में पड़ सकता है।

जल्दी अमीर बनने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए

गुंजन शर्मा के अनुसार, अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करते हैं तो शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव से परेशान हो सकते हैं। नए निवेशक को जल्दी अमीर बनाने वाली स्कीम्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

गिरावट वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश से नुकसान की आशंका

गुंजन शर्मा के मुताबिक, किसी भी नए निवेशक के लिए बेहतर यही है कि वह फायदे वाले कारोबार में पैसे लगाकर मुनाफा कमाए।

बाजार में गिरावट आने पर घबराएं नहीं, धैर्य बनाए रखें

आपका मुनाफा कंपनियों की कमाई बढ़ने पर निर्भर करता है। आमतौर पर 2013 से 2023 तक एक दशक में भारतीय शेयर मार्केट ने औसतन 11-13% का रिटर्न दिया है, जो देश की 10% की विकास दर से थोड़ा अधिक है।

ऐसे में अपना निवेश लॉन्ग टर्म के लिए बनाए रखें और बाजार में गिरावट आने पर घबराएं नहीं। न ही आनन-फानन में अपने शेयर बेचें और न ही किसी शेयर को खरीदें।